[] Ratnesh Yadav: पहेली - 1
बूझो भैया एक पहेली जब काटो तो नई नवेली.
उत्तर : पेंसिल। [] Ratnesh Yadav:
पहेली - 2
ऐसा कौन है जिसका आना भी ख़राब और जाना भी ख़राब?
उत्तर : आँखे
[] Ratnesh Yadav:
पहेली - 3
सोमवार का दिन था. दो चोर बैंक लूट कर एक कार में बैठे. पुलिस ने चोरों का पीछा किया. पीछा करने पर पता चला कि चोरों की कार के पीछे की नंबर प्लेट की लाइट खराब थी और पुलिस की हेडलाइट खराब थी. बताओ उन चोरों को पुलिस ने कैसे पकड़ा?
उत्तर : क्यों कि, सोमवार का दिन था.
[] Ratnesh Yadav:
पहेली - 4
काली काली माँ लाल लाल बच्चे जिधर जाए माँ, उधर जाए बच्चे.
उत्तर : ट्रैन
[] Ratnesh Yadav:
पहेली - 5
मैं मरू मैं काटूं, तुम क्यों रोते हो
उत्तर : प्याज
[] Ratnesh Yadav:
पहेली - 6
बीमार नहीं रहती मैं, फिर भी खाती हूँ गोली. बच्चे बूढ़े सब डर जाते, सुन कर इसकी बोली.बताओ क्या?
उत्तर : बंदूक
[] Ratnesh Yadav:
पहेली - 7
अगर नाक पे चढ़ जाऊं, कान पकड़ कर तुम्हे पढ़ाऊं. बताओ क्या ?
उत्तर : चश्मा
[] Ratnesh Yadav:
पहेली - 8
दुनियां भर की करता सैर, धरती पे ना रखता पैर.दिन में सोता रात में जागता, रात अंधेरी मेरी बगैर.जल्दी बताओ मैं कौन?
उत्तर : चन्द्रमा
[] Ratnesh Yadav:
पहेली - 9
काला घोडा, सफ़ेद की सवारी.एक उतरा तो दूसरे की बारी.
उत्तर : तवा और रोटी
[] Ratnesh Yadav:
पहेली - 10
ऐसी कौन सी चीज़ है जिसे जितना खींचो वो उतनी ही छोटी जाती होती हैं?
उत्तर : बीड़ी या सिगरेट
[] Ratnesh Yadav:
पहेली - 11
धूप देख मैं आ जाऊं, छाँव देख शरमा जाऊं.जब हवा करे मुझे स्पर्श, मैं उसमे समां जाऊं. बताओ क्या ?
उत्तर : पसीना
[] Ratnesh Yadav:
पहेली - 12
एक दिन एक वकील और उसके बेटे का एक्सीडेंट हो गया. उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया. ऑपरेशन रूम में डॉक्टर ने एंटर किया और लडके को देख कर कहा 'ये तो मेरा बेटा है'. डॉक्टर ने उस लड़के को अपना बेटा क्यों कहा?
उत्तर : वो डॉक्टर उसकी माँ थी
[] Ratnesh Yadav:
पहेली - 13
लड़की के पास वो कौन सी चीज़ है जो उसके पास शादी से पहले भी होती है. और शादी के बाद भी.पर शादी वाले दिन नही होती ?
उत्तर : सरनेम
[] Ratnesh Yadav:
पहेली - 14
खरीदने पर कला, जलने पर लाल.फेंकने पर सफ़ेद, बताओ क्या ?
उत्तर : कोयला
[] Ratnesh Yadav:
पहेली - 15
एक राजा की अनोखी रानी, दम के सहारे पीती पानी.
उत्तर : दिया
[] Ratnesh Yadav:
पहेली - 16
एक फूल है काले रंग का, सर पर हमेशा सुहाए. तेज धूप में खिल-खिल जाता, पर छाया में मुरझाये.
उत्तर : छाता
[] Ratnesh Yadav:
पहेली - 17
एक पिता ने अपने बच्चे को गिफ्ट देते हुए कहा इसमें ऐसे चीज़ है की जब तुम्हे प्यास लगे तो पी लेना, जब भूख लगे तो खा लेना और जब सर्दी लगे तो जल लेना. बताओ क्या?
उत्तर : नारियल
[] Ratnesh Yadav:
पहेली - 18
कौन सी ऐसी जगह है जहाँ अमीर हो या गरीब, कटोरी ले कर खड़ा होना पड़ता है.
उत्तर : पानी पूरी की दूकान
[] Ratnesh Yadav:
पहेली - 19
एक थाल मोतियों से भरा, सबके सिर पर उल्टा धरा. चारों ओर फिरे वो थाल, मोती उससे एक ना गिरे.
उत्तर : आसमान
[] Ratnesh Yadav:
पहेली - 20
एक साथ आए दो भाई, बिन उनके दूर शहनाई. पीटो तब वह देते संगत, फिर आए महफ़िल में रंगत.
उत्तर : ढोल
[] Ratnesh Yadav:
पहेली - 21
कटोरी पे कटोरा बीटा बाप से भी गोरा.
उत्तर : प्याज
[] Ratnesh Yadav:
पहेली - 22
हरी थी मन भरी थी, लाख मोती जड़ी थी.राजा जी के बाग़ में दुशाला ओढ़े खड़ी थी.
उत्तर : भुट्टा
[] Ratnesh Yadav:
पहेली - 23
दो बाप और दो बेटे एक साथ सड़क पार कर रहे थे, तो बताओ कितने आदमी सड़क पार कर रहे थे?
उत्तर : दो
[] Ratnesh Yadav:
पहेली - 24
एक पहेली सदा नवेली, जो बूझो सो जिंदा. जिंदा में से मुर्दा निकले, मुर्दा में से जिंदा.
उत्तर : अंडा
[] Ratnesh Yadav:
पहेली - 25
कर बोले कर ही सुने, श्रवण सुने नहीं थाह. कहें पहेली बीरबल, बूझो अकबर शाह.
उत्तर : नब्ज़
[] Ratnesh Yadav:
पहेली - 26
ऐसी कोंन सी चीज़ है जिसे जो इंसान खरीदता है, उसे वो इंसान कभी नही पहनता, और जो इंसान उसे पहनता है. वो उससे कभी नही खरीदता.
उत्तर : कफन
[] Ratnesh Yadav:
पहेली - 27
अगर आप रेस में दूसरे आने वाले को पीछे छोड़ दें तो आप किस नंबर पर हुए.
उत्तर : दूसरे
[] Ratnesh Yadav:
पहेली - 28
छोटी सी छोकरी, लालबाई है नाम. पहने है घाघरा, एक पैसा है दाम.
उत्तर : लाल मिर्च
[] Ratnesh Yadav:
पहेली - 29
प्रथम कटे तो दर हो जाऊं, अंत कटे तो बंद हो जाऊं. केला मिले तो खाता जाऊं.
उत्तर : बंदर
[] Ratnesh Yadav:
पहेली - 30
हरा आटा, लाल परांठा. मिल-जुल कर सखियों ने बांटा.
उत्तर : मेंहदी
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 31
जैकी चेन की सास का क्या नाम था?
उत्तर : डी कोल्ड (क्यों की डी कोल्ड दे चैन की सांस)
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 32
पूंछ कटे तो सीता, सिर कटे तो मित्र.मध्य कटे तो खोपड़ी, पहेली बड़ी विचित्र.
उत्तर : सियार
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 33
युगांडा के लोग कटहल के छिलके का क्या करते हैं?
उत्तर : फ़ेंक देते हैं
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 34
पेड़ पर पांच पंछी बैठे थे, दो ने उड़ने का फैसला किया.बताओ कितने बचे ?
उत्तर : पांच (क्यों की दो ने सिर्फ फैसला किया था, पर उड़े नहीं)
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 35
काँटों से निकले, फूलों में उलझे. नाम बतलाओ, समस्या सुलझे.
उत्तर : तितली
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 36
वो क्या है जो अँधा भी देख सकता है.
उत्तर : अँधेरा
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 37
एक डाल पर तीन चिड़ियाँ बैठी थी,एक शिकारी ने बन्दूक से एक को मार डाला.तो बताओ डाल पर कितनी चिड़िया बचीं?
उत्तर : एक भी नहीं
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 38
एक कुँए में पांच मेंढक रहते थे. एक मर गया तो कितने बचे?
उत्तर : पांच (क्यों की मारा हुआ भी वही था)
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 39
सदा ही चलती रहती हूँ, फिर भी नहीं थकती हूँ. जिसने मुझसे किया मुकाबला, उसका ही कर दिया तबादला.
उत्तर : घड़ी
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 40
दो अक्षर का मेरा नाम, हरदम रहता मुझे जुखाम. कागज़ है मेरा रुमाल, भैया मेरा क्या है नाम?
उत्तर : फाउंटेन पेन
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 41
एक तालाब रस भरा, बेल पड़ी लहराए. फूल खिला बेल पर, फूल बेल को खाए.
उत्तर : दिया
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 42
प्रथम कटे हाथी बन जाऊं, मध्य कटे तो काम कहाऊं. अंत कटे तो काग कहाऊं, पढ़े-लिखे के काम में आऊं.
उत्तर : कागज़
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 43
आंखें हैं पर अंधी हूँ, पैर हैं पर लंगड़ी हूँ.मुंह है पर मौन हूँ , बतलाओ मैं कौन हूँ.
उत्तर : गुड़िया
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 44
खाली पेट बड़ी मस्तानी, लोग कहें पानी की रानी.
उत्तर : मछली
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 45
मध्य कटे तो बाण बने, आदि कटे तो गीला. तीनों अक्षर साथ रहें , तो पक्षी बने रंगीला.
उत्तर : तीतर
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 46
हरी झंडी लाल कमान, तौबा-तौबा करे इंसान.
उत्तर : हरी मिर्च
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 47
बीसों का सर काट लिया, ना मारा ना खून किया. बताओ क्या है ये ?
उत्तर : नाखून
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 48
न भोजन खाता, न वेतन लेता. फिर भी पहरा डटकर देता.
उत्तर : ताला
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 49
कड़ी धूप में पैदा होता, छाया में मुरझाता. भला कौन है मेरे जैसा, हवा लगे मर जाता.
उत्तर : पसीना
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 50
काटते हैं पीसते हैं, बाँटते हैं पर खाते नहीं.
उत्तर : ताश के पत्ते
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 51
बिन पंख के उड़े आकाश, लंबी पूंछ हमारे हाथ.
उत्तर : पतंग
[5/15, 8:08 AM] Ratnesh Yadav: पहेली - 52
ऐसा एक अजब खज़ाना, जिसका मालिक बड़ा सयाना. दोनों हाथों उसे लुटाए, फिर भी दौलत बढ़ती जाए.
उत्तर : विद्या
[5/15, 8:08 AM] Ratnesh Yadav: पहेली - 53
ऐसी कौन सी चीज़ है जो है तो सोने की, लेकिन सोने से बहुत सस्ती है.
उत्तर : चारपाई
[5/15, 8:08 AM] Ratnesh Yadav: पहेली - 54
ऐसा कौन सा प्रश्न है जिसका उत्तर हाँ या नहीं हो सकता है.
उत्तर : क्या आप सो रहे हैं ?
[5/15, 8:08 AM] Ratnesh Yadav: पहेली - 55
एक किले के दो ही द्वार, उनमें सैनिक लकड़ीदार. टकराए जब दीवारों से, ख़त्म होय उनका संसार.
उत्तर : माचिस
[5/15, 8:09 AM] Ratnesh Yadav: पहेली - 56
रथम कटे तो पानी बने, मध्य कटे तो काल. अंत कटे तो बने काज, बोलो क्या है इसका राज?
उत्तर : काजल
[5/15, 8:09 AM] Ratnesh Yadav: पहेली - 57
बेशक न हो हाथ मे हाथ, पर जीता है वो आप के साथ.
उत्तर : परछाई
[5/15, 8:09 AM] Ratnesh Yadav: पहेली - 58
मैं छोटा फ़कीर, मेरे पेट में लकीर. आता हूँ खाने के काम, मेरे बिना जीना नहीं आसान.
उत्तर : गेहूं
[5/15, 8:09 AM] Ratnesh Yadav: पहेली - 59
पांच अक्षर का मेरा नाम, उलटा सीधा एक सामान. मैं हूँ एक भाषा, बताओ आप मेरा नाम?
उत्तर : मलयालम
[5/15, 8:09 AM] Ratnesh Yadav: पहेली - 60
एक जानवर ऐसा, जिसके दुम पर पैसा.
उत्तर : मोर
[5/15, 8:10 AM] Ratnesh Yadav: पहेली - 61
एक बार एक लड़का अपने दोस्त से कहता है की आज मैंने पांच मच्छर मारे जिसमे तीन लेडीज थी और दो जेंट्स. बताओ की उसको कैसे पता की कौन सी लेडीज थी और कौन जेंट्स?
उत्तर : जो लेडीज थीं वो दर्पण पर बैठी थीं, जो जेंट्स थे वो सिगरेट के पैक पर.
[5/15, 8:10 AM] Ratnesh Yadav: पहेली - 62
चार है रानियां, और एक है राजा. हर एक काम मे, उनका अपना साँझा.
उत्तर : हथेली
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 63
एक ऐसा शब्द बताये, जिससे फूल फल और मिठाई बन जाये.
उत्तर : गुलाब जामुन
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 64
भिखारी नहीं पर पैसे मांगता है, लड़की नहीं पर पर्स इस्तेमाल करता है. पुजारी नहीं पर घंटी बजाता है.
उत्तर : बस कंडक्टर
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 65
पढ़ने में लिखने में, दोनों में ही मैं अाता काम. पेन नहीं कागज़ नहीं, बताओ क्या है मेरा नाम?
उत्तर : चश्मा
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 66
छोटा सा सिपाही, उसकी खीच के निकर उतरी.
उत्तर : केला
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 67
दो किसान लड़ते जाएँ, उनकी खेती बढ़ती जाए.
उत्तर : स्वेटर की बुनाई
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 68
दो सुन्दर लड़के, दोनों एक रंग के.एक बिछड़ जाए, तो दुसरा काम ना आए.
उत्तर : जूता
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 69
राजा प्यासा क्यों? गदहा उदास क्यों ?
उत्तर : लोटा न था
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 70
घूम घुमेला लहंगा पहिने, एक पाँव से रहे खडी. आठ हाथ हैं उस नारी के, सूरत उसकी लगे पारी. सब कोई उस की चाह करे है, मुसलमान हिन्दू छतरी. खुसरो ने यह कही पहेली, दिल में अपने सोच जारी
उत्तर : छाता
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 71
एक गुनी ने यह गुन कीना, हरियल पिंजरे में दे दीना. देखो जादूगर का कमाल, डाले हरा निकले लाल.
उत्तर : पान
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 72
भीतर चिलमन बाहर चिलमन, बीच कलेजा धड़के, आमिर खुसरो यूँ कहे वह दो दो उंगल सरके.
उत्तर : कैंची
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 73
दीवार क्यूँ टूटी? राह क्यों लूटी?
उत्तर : राज न था
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 74
अनार क्यों न चखा? वज़ीर क्यूँ न रखा?
उत्तर : दाना न था
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 75
दही क्यों न जमा, नौकर क्यों न रखा?
उत्तर : ज़ामिन न था
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 76
घर क्यों अंधियारा? फ़क़ीर क्यों बड़बड़ाया?
उत्तर : दिया न था
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 77
समोसा क्यों न खाया? जूता क्यों न पहना?
उत्तर : तला न था
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 78
एक कहानी मैं कहूँ, तू सुनले मेरे पूत.बिना परों के उड़ जाऊं, वो बाँध गले में सूत.
उत्तर : पतंग
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 79
नर नारी कहलाती है, और बिन वर्षा जल जाती है.पुरख से आवे पुरख में जाई, न दी किसी ने बूझ बताई.
उत्तर : नदी
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 80
पवन चालत वह देह बढ़ावे, जल पीवत वह जीव गंवावय,है वह प्यारी सुन्दर नार, नार नहीं पर है वह नार.
उत्तर : आग
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 81
तीन पैरो वाली तितली नहा के निकली.उतर बताओ इस पहेली का.
उत्तर : समोसा
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 82
हाल चाल यदि पूछो उससे, नहीं करेगा बात.सीधा सादा लगता है, पर पेट में रखता दांत.
उत्तर : अनार
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 83
गोलू हूं, पर गेंद नहीं, लाल हूं, पर सेब नहीं. जो भी मुझ को हैं अपनाते, मेरी गंध सदा फैलाते.
उत्तर : प्याज
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 84
तीन हाथ और पेट है गोल,सर्रसर्र करते मेरे बाल. गरमी में मैं आता काम, मुझे बिन नहीं होता आराम.
उत्तर : पंखा
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 85
दो अक्षर का मेरा नाम, सभी के शरीर में रहता हूं. कोई मुझे पागल कहे, फिर भी मेरा बड़ा है नाम.
उत्तर : दिल
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 86
काला मुंह लाल शरीर, कागज़ को वो खा जाता.रोज़ शाम को पेट फाड़कर कोई उन्हें ले जाता.
उत्तर : पोस्ट बॉक्स
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 87
लोहा खींचू ऐसी ताकत है, पर रबड़ मुझे हराता है. खोई सूई मैं पा लेता हूँ, मेरा खेल निराला है.
उत्तर : चुंबक
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 88
पानी से निकला पेड़ एक, पात नहीं पर डाल अनेक.इस पेड़ की ठंडी छाया, बैठ के नीचे उसको पाया. बताओ क्या?
उत्तर : फव्वारा
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 89
काला चोर लाल मकान, उसमे बैठा काला शैतान. गर्मी में वह है दिखता, सर्दी में गायब हो जाता. बताओ क्या?
उत्तर : तरबूज
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 90
चार कोनों का नगर बना, चार कुँए बिन पानी. चोर अट्ठारह उसमे बैठे लिए एक रानी. आया एक दरोगा, सब को पीट-पीट कर कुँए में डाला. बताओ क्या?
उत्तर : कैरम
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 91
सफेद मुर्गी ,हरी पूंछ. तुझे न आए,तो नानी से पूछ. बताओ क्या?
उत्तर : मूली
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 92
सुबह आता शाम को जाता, दिनभर अपनी चमक बरसाता. समस्त सृष्टि को देता वैभव,इसके बिना नहीं जीवन संभव.
उत्तर : सूरज
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 93
कभी बड़ा हो कभी हो छोटा, माह में एक दिन मारे गोता.
उत्तर : चन्द्रमा
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 94
जब ये जलते हैं, तो रोते हैं, सब इन्हें जलाकर खुश होते हैं.
उत्तर : मोमबत्ती
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 95
काली-काली एक चुनरिया, जगमग-जगमग मोती. आ सजती धरती के ऊपर, जब सारी दुनिया सोती.
उत्तर : रात
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 96
पीली पोखर -पीले अंडे -जल्द बता नहीं मारूँ डंडे.
उत्तर : बेसन की कढ़ी
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 97
उछले दौड़े कूदे दिनभर, यह दिखने में बड़ा ही सुंदर. लेकिन नहीं ये भालू बंदर, अपनी धुन में मस्त कलंदर. इसके नाम में जुड़ा है रन, घर हैं इसके सुंदर वन.
उत्तर : हिरन
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 98
आगे त है पीछे त है, इसको सबकुछ बड़ा पता है. नकल उतारे सुनकर वाणी, चुप-चुप सुने सभी की कहानी. नील गगन है इसको भाए, चलना क्या उड़ना भी आए.
उत्तर : तोता
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 99
न सीखा संगीत कहीं पर, न सीखा कोई गीत. लेकिन इसकी मीठी वाणी में, भरा हुआ संगीत. सुबह सुबह ये करे रियाज, मन को भाती इसकी आवाज.
उत्तर : कोयल
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 100
रंग बिरंगा बदन है इसका, कुदरत का वरदान मिला. इतनी सुंदरता पाकर भी, दो अक्षर का नाम मिला. ये वन में करता शोर, इसके चर्चे हैं हर ओर.
उत्तर : मोर
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 101
राजा महाराजाओं के ये, कभी बहुत ही आया काम. संदेशा इसने पहुंचाया, सुबह चाहा या थी शाम. बतलाओ अब इसका नाम.
उत्तर : कबूतर
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 102
एक परख है सुंदर मूरत, जो देखे वो उसी की सूरत. फिक्र पहेली पाई ना, बूझन लागा आई ना.
उत्तर : आइना
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 103
नोच-नोच कर खाता मांस, जीव है दुनिया का ये खास. दो अक्षर का छोटा नाम, लेकिन इसका मोटा काम. उड़ता रहता सुबह शाम. बताओ क्या?
उत्तर : गिद्ध
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 104
आदि कटे तो गीत सुनाऊँ, मध्य कटे तो संत बन जाऊँ. अंत कटे साथ बन जाता, संपूर्ण सबके मन भाता.
उत्तर : संगीत
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 105
सीधी होकर, नीर पिलाती. उलटी होकर दीन कहलाती.
उत्तर : नदी
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 106
सीधी होकर वह बहती है, उल्टी होकर वाह-वाह कहती है.
उत्तर : हवा
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 107
तुम न बुलाओ मैं आ जाऊँगी, न भाड़ा न किराया दूँगी. घर के हर कमरे में रहूँगी, पकड़ न मुझको तुम पाओगे. मेरे बिन तुम न रह पाओगे, बताओ मैं कौन हूँ?
उत्तर : हवा
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 108
गर्मी में तुम मुझको खाते, मुझको पीना हरदम चाहते. मुझसे प्यार बहुत करते हो, पर भाप बनूँ तो डरते भी हो.
उत्तर : पानी
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 109
चार अक्षर का मेरा नाम, टिमटिम तारे बनाना काम. शादी, उत्सव या त्योहार, सब जलाएँ बार-बार.
उत्तर : फुलझड़ी
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 110
सुबह-सुबह ही आता हूँ, दुनिया की खबर सुनाता हूँ . बिन मेरे उदास हो जाते, सबका प्यारा रहता हूँ.
उत्तर : अख़बार
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 111
पैर नहीं हैं, पर चलती रहती. दोनों हाथों से अपना मुंह पोंछती रहती.
उत्तर : घड़ी
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 112
पत्थर पर पत्थर, पत्थर पर पैसा. बिन पानी घर बनाए, वह कारीगर कैसा?
उत्तर : मकड़ी
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 113
सरपट लगा हरा झंडा, कितना मीठा और रसीला.
उत्तर : गन्ना
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 114
तीतर के दो आगे तितर, तीतर के दो पीछे तीतर. बोलो कितने तीतर?
उत्तर : तीन
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 115
प्यार करूँ तो घर चमका दूँ वार करूँ तो ले लूँ जान. जंगल में मंगल कर दूँ कभी कर दूँ मैं शहर वीरान.
उत्तर : बिजली
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 116
कपड़े उतरवाएँ, पंखा चलवाए, कहती ठंडा पीने को. अभी-अभी तो नहा के आया फिर से कहती नहाने को.
उत्तर : गर्मी
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 117
न किसी से झगडा न लड़ाई , फिर भी होती सदा पिटाई.
उत्तर : ढोल
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 118
जो जाकर न वापस आये जाता भी वह नजर न आये. सारे जग में उसकी चर्चा वह तो अति बलवान कहाये.
उत्तर : समय
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 119
गर्मी में जिससे घबराते जाड़े में हम उसको खाते. उससे है हर चीज चमकती दुनिया भी है खूब दमकती.
उत्तर : धूप
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 120
वो कोन सा सा काम है जो एक आदमी अपनी पूरी ज़िन्दगी में एक बार करता है. पर वही काम एक औरत रोज़ करती है.
उत्तर : मांग में सिंदूर भरना
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 121
फूल और फल हों नहीं, हों बस केवल पात. खूबी ऐसी कौन सी मानव कच्चा खात.
उत्तर : तलवार
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 122
पढ़ने में, लिखने में, दोनों में ही मैं आता काम. कलम नहीं कागज़ नहीं, बताओ क्या है मेरा नाम ?
उत्तर : चश्मा
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 123
साँपो से भरी एक पिटारी, सब के मुह में एक चिंगारी. जोड़ो हाथ तो निकले घर से, फिर घर पर सिर पटक दे.
उत्तर : माचिस
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 124
तुम न बुलाओ मैं आ जाऊँगी, न भाड़ा न किराया दूँगी, घर के हर कमरे में रहूँगी, पकड़ न मुझको तुम पाओगे, मेरे बिन तुम न रह पाओगे, बताओ मैं कौन हूँ?
उत्तर : हवा
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 125
गर्मी में तुम मुझको खाते, मुझको पीना हरदम चाहते, मुझसे प्यार बहुत करते हो, पर भाप बनूँ तो डरते भी हो.
उत्तर : पानी
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 126
आदि कटे तो गीत सुनाऊँ , मध्य कटे तो संत बन जाऊँ. अंत कटे साथ बन जाता, संपूर्ण सबके मन भाता.
उत्तर : संगीत
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 127
सीधी होकर, नीर पिलाती, उलटी होकर दीन कहलाती.
उत्तर : नदी
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 128
सीधी होकर वह बहती है, उल्टी होकर वाह-वाह कहती है.
उत्तर : हवा
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 129
प्रथम कटे तो मय बन जाऊं , अंत कटे तो सम हो जाऊं. जल्दी तोड़ो अपना मौन , वक़्त रहते बूझो कौन?
उत्तर : समय
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 130
बीहड़ में है राज जमता , महफ़िल में रौनक भी लाता, सुन के कहते वाह भाई वाह , देख के भागे उलटे राह.
उत्तर : शेर
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 131
अंग्रेजी में ज्यादा होता है , हिंदी में है पक्षी. सावन में ये पंख पसारे , बूझो एक पहेली अच्छी.
उत्तर : मोर
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 132
बिना तीर के धनुष उठाऊ , सत रंगी छटा बिखराऊँ. उचा बहुत है मेरा घर , नाम बताओ सोच कर.
उत्तर : इन्द्रधनुष
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 133
कोने में चिपका रहता , करता पर दुनिया की सैर. सबको मैं सन्देश दिलाता , जबकि मेरे हाथ ना पैर.
उत्तर : पोस्ट स्टाम्प
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 134
कौन सी चीज़ फूल से भी हलकी है , लेकिन दुनिया का सबसे मजबूत आदमी भी उसे कुछ मिनट से ज्यादा नहीं रोक के रख सकता.
उत्तर : सांस
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 135
कौन से चीज़ है जो हमेशा आने को है , लेकिन कभी नहीं आता.
उत्तर : आने वाला कल
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 136
कौन से चीज़ है जो हमेशा आने को है , लेकिन कभी नहीं आता.
उत्तर : आने वाला कल
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 137
कौन ज्यादा वजनी है - एक किलो लोहा या एक किलो रुई ?
उत्तर : दोनों बराबर है
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 138
दिन में सोये, रात में रोये जितना रोये उतना खोये.
उत्तर : मोमबत्ती
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 139
हरी हरी मछली के हरे अरे अंडे, जल्दी बूझो पहेली, वार्ना पड़ेंगे डंडे.
उत्तर : मटर की फली
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 140
अगर राम सीता है, तो राम कौन है?
उत्तर : दरजी
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 141
सीधी होकर, नीर पिलाती उलटी होकर दीन कहलाती.
उत्तर : नदी
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 142
एक रुमाल के 4 कोने है. उनमें से 2 को कैंची से काट दिया जाये तो कितने कोने बचेंगे?
उत्तर : 6
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 143
आपके ही घर ये आये, तीन अक्षर का नाम बताए. शुरु के दो अति हो जाये, अंतिम दो से तिथि बताये.
उत्तर : अतिथि
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 144
रात गली में खड़ा खड़ा, डंडा लेकर बड़ा बड़ा. रहो जागते होशियार, कहता वो बार बार.
उत्तर : चौकीदार
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 145
हरा हूँ पर पत्ता नहीं. नकलची हूँ पर बंदर नही. बूझो तो मेरा नाम सही.
उत्तर : तोता
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 146
कद के छोटे, कर्म के हीन, बीन बजाने के शोकीन. बताओ कौन?
उत्तर : मच्छर
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 147
चार है रानियां, और एक है राजा. हर एक काम मे ,उनका अपना साँझा. बताओ कौन?
उत्तर : हाथ
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 148
एक ऐसा शब्द बताएं, जिससे फूल फल और मिठाई बन जाये.
उत्तर : गुलाबजामुन
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 149
ऊँट की बैठक, हिरन की चाल. एक ऐसा जीव जिसके न दुम न बाल.
उत्तर : मेंढक
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 150
मन्दिर में इसे सीश नवाये. मगर राह में ठुकराए.
उत्तर : पत्थर
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 151
कागज़ का घोडा, धागे की लगाम. धागा टूट जाए तो घोडा करे सलाम.
उत्तर : पतंग
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 152
ऐसी कौन सी चीज़ है जो अधिक ठंड में भी पिघलती है?
उत्तर : मोमबत्ती
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 153
ऐसा कौन सा फल है जो कच्चे में मीठा लगता है और पकने के बाद खट्टा या कड़वा लगता है?
उत्तर : अनन्नास
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 154
एक राजा की अनोखी रानी, दुम के सहारे पीती पानी.
उत्तर : दीया
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 155
पढ़ने में, लिखने में, दोनों में ही मैं आता काम. कलम नहीं कागज़ नहीं, बताओ क्या है मेरा नाम?
उत्तर : चश्मा
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 156
न सीखा संगीत कहीं पर, न सीखा कोई गीत. लेकिन इसकी मीठी वाणी में, भरा हुआ संगीत. सुबह सुबह ये करे रियाज, मन को भाती इसकी आवाज.
उत्तर : कोयल
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 157
साथ-साथ मैं जाती हूँ, हाथ नहीं मैं आती हूँ.
उत्तर : अंगूठी
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 158
फ़ारसी बोली आईना, तुर्की सोच न पाईना. हिन्दी बोलते आरसी, आए मुँह देखे जो उसे बताए.
उत्तर : दर्पण
[] Ratnesh Yadav: पहेली - 159
लाल संत्री रंग है मेरा, आती हूँ मैं खाने के काम. सिर पर रहती हरियल चोटी, जल्दी बताओ मेरा नाम.
उत्तर : गाजर
Ratnesh Yadav: पहेली - 160
अमिताभ और प्राण दोनों बस स्टॉप पे खड़े थे. बस आई और प्राण चढ़ जाता है पर अमिताभ नहीं जाता क्यों?
उत्तर : प्राण जाये पर बच्चन न जाये